पाठ्यक्रम सामग्री विकास एवं मूल्यांकन विभाग के कार्य
स्थानीय परिस्थितियों/आवश्यकताओं के अनुरूप प्रारम्भिक शिक्षा एवं प्रारम्भिक शिक्षकों के लिए निम्नलिखित का विकास-
स्थानीय इतिहास, भूगोल, वनस्पति, जीव-जन्तु, उद्योग, व्यवसाय, मेले, शिल्प, लोकगीत, लोकसाहित्य, लोकसंगीत, लोक कथाओं, उत्सवों, परम्पराओं, त्योहारों आदि से सम्बन्धित अनुपूरक साहित्य का विकास एवं प्रकाशन, पत्रिकाओं तथा सम्बन्धित साहित्य का विकास एव प्रकाशन। |
---|
जनजाति बहुल विकासखण्डों में कक्षा एक व दो के लिए अधिगम सामग्री का विकास व प्रकाशन। |
प्राथमिक/उच्च प्राथमिक शिक्षा के लिए सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन के उपकरणों/तकनीकों व निर्देशों का विकास। |
कार्यशालाओं के माध्यम से विषय विशेषज्ञों, अध्यापकों इत्यादि के सहयोग से शिक्षा में निदानात्मक परीक्षण एव उपचारात्मक शिक्षण हेतु निर्देशों का विकास, प्रश्नपत्रों का निर्माण व विकास। |
प्रौढ़. शिक्षा व अनौपचारिक शिक्षा के कार्यक्रमों में जिला संसाधन इकाई को सहयोग प्रदान करना। |
प्रारम्भिक शिक्षा के छात्रों, राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के अन्तर्गत साक्षरों, नव साक्षरों के लिए साहित्य एवं न्यूनतम अधिगमस्तर की पहचान हेतु निर्देशों व उपकरणों आदि का विकास। |
प्रारम्भिक शिक्षालयों, प्रौढ़ व अनौपचारिक शिक्षा केन्द्रां के शिक्षार्थियों के लिए मूल्यांकन के तरीके विकसित करना। |
सेवाकालीन शिक्षकों की उपर्युक्त सभी बिन्दुओं में कार्यशालाओं का आयोजन। |
संस्थान के सेवापूर्व एव सेवारत शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सहयोग, अन्तः क्रिया इत्यादि। |