नियोजन एवं प्रबन्धन विभाग के कार्य
स्थानीय परिस्थितियों/आवश्यकताओं के अनुरूप प्रारम्भिक शिक्षा एवं प्रारम्भिक शिक्षकों के लिए निम्नलिखित का विकास-
जनपद के शैक्षिक आधारभूत आंकणों का संकलन कर उपयोग करना। |
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जनपद के शैक्षिक नियोजकों/प्रशासकों को प्रारम्भिक शिक्षा के सार्वभौमिकरण एवं अनौपचारिक शिक्षा से सम्बन्धित अभिकर्मियों को सहयोग देने के लिए सन्दर्भित क्षेत्रां में शोध अध्ययन करना।इस कार्य हेतु निम्नवत क्षेत्रों को प्राथमिकता प्रदान करना- |
- छात्र नामांकन, धारण, बच्चों की नियमित उपस्थिति (विशेषकर महिलाऐं, अनु0जा0, अनु0जन0, अल्पसंख्यक, विकलांग, झुग्गीझोपड़ी निवासी तथा अपवंचित वर्ग) से सम्बन्धित कारकों का संकलन करना।
- उपर्युक्त विभिन्न गतिविधियों (सुविधाओं को सम्मिलित करते हुए) को विश्लेषित करना।
- प्रारम्भिक शिक्षा की प्रक्रिया में समुदाय की सहभागिता प्राप्त करना।
- जनपद के औपचारिक विद्यालयों तथा अनौपचारिक शिक्षा केन्द्रों के मूल्यांकन के लिए तकनीक का विकास करना। जनपद में शैक्षिक रूप से पिछड़े हुए एक या दो क्षेत्र का चयन करना तथा इन क्षेत्र/क्षेत्रां में उक्त शोध कार्यों तथा अधिक से अधिक क्रियात्मक शोध कार्यों का सम्पादन करना। यह क्षेत्र डायट की लैब एरिया कहलाएगी।लैब एरिया में अधिक से अधिक शोध कार्यों व क्रियात्मक शोध कार्यों के सम्पादन के अलावा कार्य की प्रकृति के अनुसार जनपद के अन्य उपयुक्त क्षेत्रों में भी उक्त कार्यों का सम्पादन करना।
जनपद के शैक्षिक अधिष्ठानों को निम्न तकनीकी सहयोग प्रदान करना- |
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- विद्यालय मानचित्रण।
- प्रारम्भिक शिक्षा के सार्वभौमिकरण के लिए सूक्ष्म नियोजन।
- संकुल संसाधन केन्द्रों का निर्माण तथा उन्हें सक्रिय बनाने, विद्यालय विकास योजना तथा संकुल संसाधन विकास योजना के लिए संस्थागत नियोजन।
- संस्थागत मूल्यांकन।
जनपद में प्रारम्भिक शिक्षा के क्षेत्र में सामुदायिक सहभागिता के सभी कार्यक्रमों के सम्बन्ध में नोडल ब्रान्च के रूप में सेवा प्रदान करना। जैसे जिला बेसिक शिक्षा समिति, ग्राम शिक्षा समिति, विद्यालय प्रबन्ध समिति व समुदाय के अन्य संगठन, मंगलदल तथा स्वैच्छिक संगठन आदि। |
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जनपद के प्रारम्भिकशिक्षा के क्षेत्र में सेवारत प्रधानाध्यापकों, संकुल संसाधन केन्द्र के समन्वयकों तथा ब्लाकस्तरीय अधिकारियों/अभिकर्मियों के लिए नियोजन एवंप्रबन्ध सम्बन्धीप्रशिक्षण/कार्यशाला/बैठक आदि का आयोजन। |
जनपद में प्रारम्भिक शिक्षा (औपचारिक शिक्षा/अनौपचारिकशिक्षा) के सार्वभौमिकरण एवं संस्थागत विकास के लिए संचालित समस्त कार्यक्रमों के प्रभाव के अध्ययन की योजना बनाना। |
जनपद में प्रारम्भिक शिक्षा के क्षेत्र के लिए तथा डायट के लिए वार्षिक/त्रैमासिक रूप से संस्थागत नियोजन करना। |
डायट द्वारा सम्पादित कार्यों में नियोजन तथा प्रबन्ध सम्बन्धीआगत (INPUT) प्रदान करना। उक्त निर्धारित कार्य क्षेत्रों के अतिरिक्त वर्तमान आवश्यकता अनुरुप अन्य कार्य क्षेत्र के निर्धारण हेतु प्रतिभागी समूह से चर्चा। |
- डायट के विभिन्न संकाय के कार्यों के संपादन की स्थिति पर चर्चा।
- डायट को और अधिक सक्रिय करने के लिए अन्तःक्रिया।