District Udham Singh Nagar
जनपद का ऐतिहासिक एवं राजनैतिक परिचय
भारतीय संस्कृति की पहचान अनेकता में एकता का प्रतिनिधित्व करने वाला ‘‘मिनी इंडिया‘‘ के नाम से अलंकृत जनपद ऊधम सिंह नगर की विकास यात्रा काफी रोचक हैं।
ऐसा माना जाता है कि वर्तमान में रूद्रपुर का रम्पुरा गॉँव ही अतीत में रूद्रपुर के नाम से जाना जाता था, जिसे भगवान रूद्र के किसी भक्त या रूद्र नाम के किसी हिन्दू कबीले द्वारा बसाया गया था। इतिहास के पन्नों को पलटने से पता चलता है कि अतीत में घने जंगलों से आच्छादित इस क्षेत्र की जलवायु काफी विषम व भूमि दलदली थी। हिंसक जंगली जानवरों के आतंक, भीषण गर्मी, महीनों तक होने वाली वर्षा के कारण बीमारियों के प्रकोप व क्षेत्र में परिवहन साधनों के अभाव के कारण यह क्षेत्र लगभग निर्जन था।
अपनी विकास यात्रा के विभिन्न काल खण्डों में इसे माल, गढ़ी की माल, नौ लखा माल, चौरासी कोस, तल्ला देश, क्राउन लैण्ड, तराई आदि नामों से जाना जाता रहा है। अपने सफर में यह क्षेत्र कत्यूरी, रोहेला, कटेहरिया शासन के उत्थान और अवसान का प्रत्यक्ष साक्षी रहा है। इसने न केवल कुमायूँ के चन्द राजवंश का उदय और अस्त देखा बल्कि मुगलों और अंग्रेजों के शासन का भी स्वॉद चखा है।
मुगल बादशाह अकबर के शासन काल में 1588 में तराई का ये क्षेत्र कुमाँयू के चंद्रवशीं राजा रूद्र चंद को जागीर के रूप में दे दी गयी, जिसने यहॉँ पर लगातार हो रहे आक्रमणों व घुसपेठ को रोकने के लिए स्थायी सैनिक छावनी की स्थापना की। ये भी कहा जाता है कि राजा रूद्र चंद्र के नाम पर ही इसका नाम रूद्रपुर पडा।
1790 में इस क्षेत्र पर गोरखा लोगां ने कब्जा स्थापित कर लिया। जिससे नाराज अवध के नवाब मंसूर अली खॉ ने ईस्ट इंडिया कम्पनी के साथ 1802 में हुई एक संधि के तहत तराई सहित सम्पूर्ण्ा रूहेलखण्ड कम्पनी के अधिकार में दे दिया। 1835 में इसे तराई व भाबर नाम के दो अलग-अलग गर्वमेन्ट स्टेट में बाँट दिया गया। 1840 में तराई व 1891 में नैनीताल जिला अस्तित्व में आया। 1892 में तराई जिले को भी नैनीताल जिले में मिला दिया गया। 1894 में इस जिले के कुछ क्षेत्र को सीधे कुमाँयू कमिश्नरी के अधीन कर दिया गया जिससे एकत्रित आय को सीधे इंग्लैण्ड में वेल्स के राजकुमार के हस्तांरित कर दी जाती थी जिससे इस क्षेत्र के क्राउन लैण्ड भी कहा जाने लगा।
19 वीं शताब्दी के प्रारम्भ में आईन खान, नाईन खान, थोरूब खान जैसे लुटेरों का भी इस क्षेत्र पर सामा्रज्य रहा बाद में कालू गुज्जर तथा सुल्ताना डाकू का भी यहाँ अघोषित आंतक रहा।
1802 से 1947 के अपने उपनिवेश काल में अंग्रेजों ने यहाँ की प्राकृतिक सम्पदा का भरपूर दोहन किया। 1947 में देश विभाजन के पश्चात् पश्चिमी पाकिस्तान से आये लाखों परिवारों के बसने के साथ ही यहाँ का इतिहास व भूगोल बदलना प्राराम्भ हुआ। देश के पश्मित्तर व पूर्वी क्षेत्र से आये शरणार्थियों को तराई के उप निवेश योजना के अर्न्तगत यहाँ पुर्नवासित किया गया।
29 सितम्बर, 1995 के उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी की घोषणा के साथ ही यह जिला उत्तर प्रदेश के 68 वें जिले के रूप में अस्तित्व में आया। जिसका नाम महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ‘‘ऊधम सिंह‘‘ के नाम पर ‘‘ ऊधम िंसंह नगर‘‘ रखा गया और कुमायूँ मण्डल के प्रवेश द्वार रूद्रपुर को जनपद का मुख्यालय बनाया गया। कौमी एकता के गुलदस्ते के रूप में ख्याति प्राप्त इस जनपद में हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, इसाई, बंगाली, कुमाऊनी, गढ़वाली पंजाबी तथा पूर्वान्चल के अलावा थारू एवं बुक्सा जनजाति के लोग यहाँ साथ-साथ रहते हैं। विभिन्न तहजीब एवं संस्कृति के बावजूद भी विकास, समृद्धि एवं एकता यहांँ की पहचान है। उत्तराखण्ड प्रदेश के सर्वाधिक धनी इस जनपद में मेहनत यहांॅ के लोगों का मुख्य ध्येय है। धान, गेंहॅू व गन्ने का रिकार्ड उत्पादन उत्तराखण्ड प्रदेश में ही नहीं वरन् देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में सर्वदा अग्रणी है। हरित क्रांति के साथ ही श्वेत क्रांति के लिये कृषि, पशुपालन एवं दुग्ध व्यवसाय में भी यहां के प्रगतिशील कृषकों एवं पशुपालको ने अनेकों कीर्तिमान स्थापित किये है। सिडकुल की स्थापना के बाद से जनपद ने औद्योगिक क्षेत्र में भी अपनी राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय पहचान बनायी है ।
प्रशासनिक संरचना
जनपद की प्रशासनिक व्यवस्था को चुस्त-दुरस्त रखने के लिए जनपद को निम्नवत् विभिन्न प्रशासनिक इकाइयों में विभाजित किया गया हैः-
क्र0 सं0 | विकासखण्ड | नगर निगमों की संख्या | नगर पालिकाओं की संख्या | नगर पंचायतों की संख्या | न्याय पंचायतों की संख्या | ग्राम पंचायतों की संख्या | राजस्व ग्रामों की संख्या | कुल बस्तियों की संख्या | तहसीलों की सं0 |
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
1 | खटीमा | - | 01 | - | 04 | 66 | 88 | 192 | 01 |
2 | सितारगंज | - | 01 | 01 | 04 | 74 | 123 | 98 | 01 |
3 | रूद्रपुर | 01 | 01 | - | 5 | 54 | 86 | 145 | 02 |
4 | गदरपुर | - | 01 | 01 | 03 | 50 | 69 | 234 | 01 |
5 | बाजपुर | - | 01 | 02 | 04 | 57 | 120 | 150 | 01 |
6 | काशीपुर | 01 | 01 | - | 03 | 39 | 73 | 154 | 01 |
7 | जसपुर | - | 01 | 01 | 04 | 51 | 96 | 141 | 01 |
8 | योग | 02 | 07 | 05 | 27 | 391 | 655 | 1214 | 08 |
जनपद की 8 तहसीलों (खटीमा, सितारगंज, किच्छा, रूद्रपुर, गदरपुर, बाजपुर, काशीपुर व जसपुर), 7 विकास खण्डों (खटीमा, सितारगंज, रूद्रपुर, गदरपुर, बाजपुर, काशीपुर व जसपुर), 7 नगर पालिका परिषदों (खटीमा, सितारगंज, किच्छा, गदरपुर, महुवाखेड़ागंज, बाजपुर, व जसपुर), 2 नगर निगम (रूद्रपुर, काशीपुर), 5 नगर पंचायतों (महुवाडाबरा, केलाखेड़ा, दिनेशपुर, सुल्तानपुर पट्टी, तथा शक्तिगढ़), 27 न्याय पंचायतों और 391 ग्राम पंचायतों में विभक्त है। वर्तमान में जनपद को लोक सभा में 01 सदस्य और विधान सभा में 09 सदस्यों को चयनित कर भेजने का अधिकार प्राप्त है।
जनपद की भौगोलिक संरचना
ऊधमसिंह नगर जनपद कुमाऊॅं मण्डल के दक्षिण पूर्व में 28’’58’ उत्तरी अक्षांश तथा 79’’25’ पूर्वी देशान्तर के बीच स्थित है। जनपद की पूर्व से पश्चिम की लम्बाई 170 किमी0 और उत्तर से दक्षिण की लम्बाई 29 किमी0 है। जनपद के उत्तर में नैनीताल, पश्चिम में बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, दक्षिण में बरेली, पीलीभीत तथा पूर्व में चम्पावत जनपद स्थित हैं।
दक्षिण पूर्व में नेपाल देश की सीमायें भी मिलती हैं। उत्तर तथा पूर्व में जिला नैनीताल तथा चम्पावत की सम्पूर्ण सीमा आरक्षित वन क्षेत्र से आच्छादित है। जनपद का सम्पूर्ण क्षेत्र तराई क्षेत्र है। यहांॅ पर भूगर्भीय जल 15 से 20 मीटर की गहराई पर उपलब्ध हो जाता है। जनपद का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 2542 वर्ग किमी0 और वन क्षेत्र 918 वर्ग किमी0 है।
सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति
विभिन्न संस्कृतियों के अनूठे संगम जनपद ऊधम सिंह नगर की पहचान विकास, समृद्धि और कौमी एकता है। यहाँ हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख इसाई, बंगाली, कुमाऊँनी, गढवाली, पंजाबी तथा पूर्वांचल के अलावा थारू एवं बूक्सा जनजाति के लोग न केवल साथ-साथ रहते है बल्कि इस गुलदस्ते को सजाने-सवांरने में भी सभी कदम से कदम मिलाकर चलते हैं।
आर्थिक दृष्टि से जनपद का अधिकांश वर्ग मध्यम वर्ग में आता है, लेकिन समाज का कुछ वर्ग अत्यंत समृद्ध तो कुछ अत्यंत गरीब भी है। जनपद में तेजी से बढ़ते औद्योगिकीकरण से लोंगों मे रोजगार की उपलब्धता बढ़ी है और उनके आर्थिक स्तर में सुधार हुआ है। जिला अर्थ एवम् संख्या अधिकारी कार्यालय से प्राप्त आँकड़े के अनुसार 31-03-2016 को सेवायोजन कार्यालय की सक्रिय पंजी पर उपलब्ध बेरोजगारों की संख्या 105200 है और वर्ष में पंजीकृत अभ्यर्थियों की संख्या 24304 है।
अर्थव्यवस्था
जनपद ऊधमसिंहनगर की अर्थ व्यवस्था मुख्य रूप से कृषि एवं औद्योगिक गतिविधियों पर आधारित है। जहाँ एक ओर जनपद अपनी कृषि उपज के कारण देश-विदेश में अपनी अलग पहचान रखता है तो दूसरी तरफ अब औद्योगिक क्षेत्र में भी अपनी राष्ट्रीय व अर्न्तराष्ट्रीय पहचान बना चुका है।
जनपद में उपलब्ध भौतिक संसाधन
बैंकिंग एवं वित्तीय सुविधायें
जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी कार्यालय से प्राप्त आकड़ों के अनुसार वर्ष 2015-16 में जनपद में विभिन्न बैंकें की कुल 331 शाखाऐं कार्यरत हैं, जिसमें 203 राष्ट्रीयकृत बैंक, 20 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, 71 अन्य निजी व्यवसायिक बैंक, 4 जिला सहकारी बैंक, 29 सहकारी बैंक की अन्य शाखायें व 4 सहकारी कृषि तथा ग्रामीण विकास बैंक हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा जनपद में कार्यरत विभिन्न बैंकों एवं विकास से संबन्धित विभिन्न विभागों के मध्य एक सेतु का कार्य करते हुए जनपद की स्थापना से ही अग्रणी बैंक की भूमिका का निर्वहन सफलता पूर्वक कर रहा है। जनपद में वर्ष 2015-16 में व्यावसायिक बैंकों में जमा कुल धनराशि 8,56,018 लाख रूपये के विपरीत 9,35,985 लाख रूपये की धनराशि ऋण के रूप में वितरित की गयी।
पेयजल व्यवस्था
जनपद में भूगर्भीय जल 15 से 20 मीटर की गहराई पर उपलब्ध है, इसलिये यहाँ पेयजल की कोई समस्या नही है। जनपद में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता नलकूपों, हैण्डपम्पों के माध्यम से सुनिश्चित की जाती है। जनपद में पेयजल आपूर्ति का कार्य पेयजल निगम, जिला पंचायत, स्वजल मण्डी परिषद, एग्रो आदि के सहयोग से किया जाता है।
सड़क व्यवस्था
किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए सड़कों के अच्छे नेटवर्क का होना अत्यन्त आवश्यक है क्योंकि सड़कें सामाजिक, आिर्र्थक विकास के लिए संचार वाहनियों का कार्य करती हैं। कार्यालय जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी द्वारा प्रकाशित पत्रिका जनपद एक दृष्टि 2015-16 के अनुसार जनपद में विभिन्न मार्गों की स्थिति निम्नवत् हैः-
राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल लम्बाई:- 227.00कि0मी0
राज्य मार्ग की कुल लम्बाई :- 113.99कि0मी0
प्रमुख जिला मार्ग की कुल लम्बाई :- 131.67कि0मी0
अन्य जिला मार्ग की कुल लम्बाई :- 146.75 कि0मी0
ग्रामीण मार्ग की कुल लम्बाई :- 1708.24कि0मी0
स्थानीय निकायों के अन्तर्गत मोटर मार्ग की लम्बाई :- 1032.35कि0मी0
अन्य विभागों के अन्तर्गत र्निर्मति मोटर मार्ग की लम्बाई :- 645.12कि0मी0
विद्युत व्यवस्था
जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी कार्यालय से प्राप्त आकड़ों के आधार पर जनपद के सभी 655 ग्रामों एवं 17 नगरों का विद्युतीकरण किया जा चुका है। जिले में 19 विद्युत वितरण केन्द्र कार्य कर रहें हैं। शहरी क्षेत्र में विद्युत की उपलब्धता 23 घण्टे और ग्रामीण क्षेत्र में 22 घण्टे है। वर्ष 2015-16 के प्रकाशित आँकड़ों के अनुसार जनपद में विद्युत का उपयोग घरेलू मद में 176.025 हजार किलोवाट, वाणिज्य मद में 77.897 हजार किलोवाट, औद्योगिक मद में 683.295 हजार किलोवाट, सार्वजनिक प्रकाश मद में4.164 हजार किलोवाट, कृषि मद में 73.506 हजार किलोवाट और सार्वजनिक जलकल मद में 5.241 हजार किलोवाट था।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधायें
राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति केे लक्ष्य “सबके लिय स्वास्थ्य” को प्राप्त करने के लिए जनपद में जननी सुरक्षा योजना, ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण याजना, ग्राम स्वास्थ्य एवं सुरक्षा समितियों का गठन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना जैसी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करने के लिए मोबाइल हेल्थ बैन की सेवा प्रदान की जा रही है ।
कार्यालय जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी द्वारा प्रकाशित पत्रिका जनपद एक दृष्टि 2015-16 के अनुसार जनपद में राजकीय एलोपैथिक, आर्युदिक, यूनानी एवं होमियोपैथिक चिकित्सालयों की स्थिति निम्न प्रकार है -
जनपद में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवायें
क्रम संख्या | विवरण | अवधि | संख्या |
---|---|---|---|
01 | जनपय स्तरीय चिकित्सालय | 2015-16 | 01 |
02 | प्राथमिक चिकित्सालय | 2015-16 | - |
03 | प्राथमिक/अति0 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र | 2015-16 | 28 |
04 | सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र | 2015-16 | 07 |
05 | राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय | 2015-16 | 08 |
06 | संयुक्त/महिला चिकित्सालय | 2015-16 | 01 |
07 | तहसील/जिला स्तरीय प्रस्वोत्तर केन्द्र | 2015-16 | 02 |
08 | क्षय रोग चिकित्सालय | 2015-16 | 01 |
09 | कुष्ठ रोग चिकित्सालय | 2015-16 | - |
10 | राजकीय चिकित्सालयों में शैय्यायें | 2015-16 | 570 |
11 | मातृत्व शिशु कल्याण केन्द्र | 2015-16 | 02 |
12 | मुख्य केन्द्र | 2015-16 | 07 |
13 | मातृत्व शिशु कल्याण उप केन्द्र | 2015-16 | 154 |
14 | आयुर्वेदिक चिकित्सालय | 2015-16 | 23 |
15 | युनानी चिकित्सालय | 2015-16 | 01 |
16 | होमियोपैथिक चिकित्सालय | 2015-16 | 10 |
जनपद की जनसांख्यिकी
जनगणना वर्ष 2011 के अनुसार जनपद की कुल जनसंख्या 16,48,902 है। जिसमें 7,90,119 महिलाऐं तथा 8,58,783 पुरूष हैं। जनपद का जनसंख्या घनत्व जनगणना वर्ष 2011 के अनुसार 649 प्रति वर्ग किमी0 है और कुल जनसंख्या का 47.92 प्रतिशत महिलाएं तथा 52.08 प्रतिशत पुरूष है। जनपद में दशकीय (2001-2011) जनसंख्या बृद्धि 33.45 प्रतिशत है। जनगणना वर्ष 2011 के अनुसार जनपद में प्रति 1 हजार पुरूष पर 920 महिलाऐं हैं।
जनपद की जनसांख्यिकीय रूपरेखा
वर्ष 1991 के अनुसार | ||||
---|---|---|---|---|
पुरूष | महिला | योग | ||
490804 | 423765 | 914569 | ||
वर्ष 2001 के अनुसार | ||||
पुरूष | महिला | योग | ||
649484 | 586130 | 1235614 | ||
वर्ष 2011 के अनुसार | ||||
पुरूष | महिला | योग | ||
858783 | 790119 | 1648902 | ||
स्रोतःः- जनगणना 2011 |
विकासखण्डवार जनसंख्या 2011
क्र0स0 | विकास खण्ड | कुल जनसंख्या | अनुसूचित जाति की जनसंख्या | अनुसूचित जन जाति की जनसंख्या | ||||||
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
पुरूष | महिला | योग | पुरूष | महिला | योग | पुरूष | महिला | योग | ||
01 | खटीमा | 86848 | 84814 | 171662 | 13032 | 12362 | 25394 | 24991 | 25328 | 50319 |
02 | सितारगंज | 91072 | 85374 | 176446 | 9675 | 8844 | 18519 | 18618 | 18374 | 36992 |
03 | रूद्रपुर | 84195 | 76253 | 160448 | 15175 | 13897 | 29072 | 161 | 146 | 307 |
04 | गदरपुर | 69582 | 64656 | 134238 | 6732 | 6079 | 12811 | 6729 | 6430 | 13159 |
05 | बाजपुर | 73441 | 67809 | 141250 | 11638 | 10671 | 22309 | 7302 | 7284 | 14586 |
06 | काशीपुर | 75486 | 68811 | 144297 | 19945 | 17972 | 37917 | 246 | 208 | 454 |
07 | जसपुर | 56634 | 51224 | 107858 | 12455 | 11350 | 23805 | 14 | 15 | 29 |
08 | योग | 537258 | 498941 | 1036199 | 88652 | 81175 | 169827 | 58061 | 57785 | 115846 |
09 | वन | 13212 | 12731 | 25943 | 2611 | 2481 | 5092 | 782 | 753 | 1535 |
10 | ग्रामीण क्षेत्र | 550470 | 511672 | 1062142 | 91263 | 83656 | 174919 | 58843 | 58538 | 117381 |
11 | नगरीय | 308313 | 278447 | 586760 | 33122 | 30223 | 63355 | 2915 | 2741 | 5656 |
12 | कुल योग | 858783 | 790119 | 1648902 | 124385 | 113879 | 238264 | 61758 | 61279 | 123037 |
लिंगानुपात
जनगणना वर्ष 2011 के अनुसार जनपद में प्रति 1000 पुरूष पर 920 महिलाऐं है।
जनपद की साक्षरता
जनगणना वर्ष 2011 के अनुसार जनपद की कुल साक्षरता 73.10 प्रतिशत है जिसमें पुरूष साक्षरता 81.09 प्र्रतिशत और महिला साक्षरता 64.86 प्र्रतिशत हैं। 2001 की प्रोविजनल जनसंख्या में 1991 की जनसंख्या के सापेक्ष साक्षरता दर में 1.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जिसका विवरण निम्न सारिणी द्वारा स्पष्ट किया गया है।
साक्षरता दर तालिका
वर्ष | कुल जनसंख्या | साक्षर व्यक्ति | साक्षरता का प्रतिशत | ||||||
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
पुरूष | महिला | योग | पुरूष | महिला | योग | पुरूष | महिला | योग | |
1991 | 490804 | 423765 | 914569 | 240416 | 119272 | 359688 | 61.42 | 35.83 | 49.66 |
2001 | 649484 | 586130 | 1235614 | 402308 | 256857 | 659165 | 75.22 | 53.35 | 64.86 |
2011 | 858783 | 790119 | 1648902 | 598525 | 439314 | 1037839 | 81.09 | 64.45 | 73.10 |